उष्ट्रासन क्या है? उष्ट’ का अर्थ ऊंट होता है। इस मुद्रा में शरीर ऊंट के समान लगता है, इसीलिए यह नाम दिया गया है।उष्ट्रासन को अंग्रेजी में Camel Pose कहा जाता है।आपको उष्ट्रासन के फायदे तब मिलेंगे जब प्रतिदिन इसका अभ्यास करोगेऔर इसका नियमित अभ्यास आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ बनाता है। उष्ट्रासन करने का तरीका 1. उष्ट्रासन का अभ्यास शुरू करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। जांघों तथा पैरों को एक साथ रखें, पंजे पीछे की ओर हों तथा मैट पर जमे हों। 2. इस बात का ध्यान रखें कि घुटनों और पैरों के बीच करीब एक फुट की। दूरी रखें तथा घुटनों पर खड़े हो जाएं। 3. इसके बाद श्वास अंदर खींचते हुए पीछे की ओर झुकें। ध्यान रखें कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे। 4. फिर श्वास छोड़ते हुए दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर तथा बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रख लें। 5. अंतिम मुद्रा में आपकि जांघे फर्श से समकोण बनाती हुई होगीं और सिर पीछे की ओर झुका हुआ होगा। आपके शरीर का वजन बांहों तथा पैरों पर समान रूप से होना चाहिए। 6. उष्ट्रासन का अभ्यास आप 30 से 40 सेकेंड तक बनाए रख सकते हैं। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें और पुनः अपनी पुरानी स्तिथि में लौट आएं। 7. इस आसन का अभ्यास आपको सर्वांगासन के बाद करना चाहिए। उष्ट्रासन के फायदे 1. आँखों से संबंधित विकार वाले व्यक्तियों के लिए उष्ट्रासन बहुत फायदेमंद होता है। 2. उष्ट्रासन डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है, क्योंकि यह आपके पैंक्रियास को उत्तेजित करता है और इन्सुलिन के स्राव में काफी सहायता करता है। …