वर्तमान समय में लोगों का जीवन बहुत ही व्यस्त हो चुका है। और इस व्यस्त भरे जीवन में लोग पैसे कमाने के पीछे पड़े हुए हैं मगर सेहत कोई नहीं कमा रहा। इसीलिए ये व्यस्त भरी जीवनशैली अनेक बीमारियों को आमंत्रित करती है। इसी कारण भविष्य में आने वाली बीमारियों से बचने के लिए आपको रोजाना योग अभ्यास करना चाहिए। इस प्रकार कि स्तिथि को देखते हुए आज हम आरोग्यता के इस विशेष लेख में “हलासन” की बात करेंगे। इसमे आप जानेंगे कि हलासन क्या है? हलासन के फायदे क्या हैं? हलासन को करते वक्त सावधानियाँ क्या क्या रखनी चाहियें?
और साथ में जानेंगे कि हलासन से पहले एंवम बाद में कौन-कौन से आसन करने चाहियें, जिससे कि आपको हलासन के लाभ पूर्ण रूप से मिल सकें।
ध्यान रहे कि हलासन के लाभ तभी मिलेंगे जब आप रोजाना इसका अभ्यास करेंगें
तो आगे पढिए और विस्तार से जानिए कि हलासन क्या है? और हलासन के फायदे क्या-क्या हैं।
हलासन क्या है ? ( What is Halasana in Hindi )
हलासन दो शब्दों के मेल से बना है, हल और आसन। इसमें हल का अर्थ होता है खेत को जोतने वाला एक कृषि यंत्र तथा आसन का अर्थ होता है- शारीरिक स्तिथि।
इसे हलासन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस आसन कि अंतिम स्तिथि हल के समान दिखती है। और अंग्रेजी में इसे ‘Plow Pose’ कहते हैं।
यदि नियमित रूप से हलासन का अभ्यास किया जाये तो आप इससे अनेक स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं।
इसलिए हमने इस लेख में आगे हलासन के फ़ायदों का विस्तरित वर्णन किया है।
तो आइए फिर जानते हैं कि हलासन के फायदे आपके लिए कैसे उपयोगी हो सकते हैं।
हलासन से पहले इन योगासनों का अभ्यास करें
- सबसे पहले तो सूक्ष्म व्यायाम करें।
- फिर आप हलासन से पहले बालासन ( Child Pose ) करें।
- इसके पश्चात दो round वीरासन ( Hero Pose ) करें
- सेतुबंध आसन ( Bridge Pose ) 30 सेकंड Holding के साथ करें।
- सर्वांगासन ( Shoulder stand ) को भी 30-45 सेकंड कि Holding के साथ करें।
हलासन करने के तरीके – Halasan Steps in Hindi
- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को जांघों के पास रखें। तथा हथेलियों को जमीन पर टिका लें।
- फिर आप धीरे-धीरे बिना पैर मोड़ें, पैरों को 30 डिग्री तक उठायें, फिर 60 डिग्री तक और इसके पश्चात 90 डिग्री तक उठाएं। और इस अवस्था में बने रहें। यह स्तिथि अर्द्धहलासन कहलाती है।
- इसके बाद पीठ उठाते हुए पैरों को सिर के पीछे लेकर जाएं तथा पैरों की अँगुलियों को जमीन से लगाएं।
- ध्यान रहे इस स्तिथि में आपके घुटने सीधे ही रहेंगें ,और साथ ही अपने कूल्हों से लेकर कंधों तक शरीर बिल्कुल सीधा रखें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य रूप से साँस लेते व छोड़ते रहें।
- इस स्तिथि में 30-45 सेकंड तक holding बनाएं रखें।
- इसके पश्चात धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में वापिस आएं।
- यह हलासन का एक क्रम पूरा हुआ। तथा आप इसके एक बार में 2-3 क्रम दोहरा सकते हैं।
हलासन के फायदे – Halasan Benefits in Hindi
1.थयरॉइड में हलासन के फायदे
हलासन का अभ्यास थायरॉइड और पैरा-थायरॉइड ग्रंथि के लिए बेहद फायदेमंद है। क्योंकि इसके अभ्यास से आपके गले के क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है।
जिसके फलस्वरूप थायरॉइड और पैरा-थायरॉइड ग्रंथियों के हार्मोन संतुलित मात्रा मे स्रावित होते हैं। इसी कारण ये आपके हार्मोन्स के असंतुलन को सही करता है।
2.मधुमेह के लिए हलासन
इस आसन के अभ्यास से आपके आंतरिक अंगों को अच्छे से मालिश होती है। जिसके कारण ये सभी अंग अपना कार्य सुचारु रूप से करते हैं।
जिसके फलस्वरूप अगनाश्य भी इंसुलिन का स्त्राव संतुलित मात्रा में करती है। इसीलिए यह आसन मधुमेह के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
3.बाल झड़ना ( Hair Fall )
हलासन के नियमित अभ्यास से आपके बाल झड़ने कि समस्या सही हो सकती है क्योंकि इसके अभ्यास से आपके सिर कि ओर रक्त संचार बढ़ जाता है।
जिससे आपके बालों को जरूरी एंवम आवश्यक पौषक तत्व मिल जाते हैं।
इसीलिए इसका नियमित अभ्यास आपके बालों कि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
4.चेहरे कि चमक बढ़ती है
यदि हलासन का प्रतिदिन अभ्यास किया जाये तो यह आपके चेहरे कि चमक और सुंदरता बढ़ा देता है।
5.अपच और कब्ज
अगर आपको अपच और कब्ज कि समस्या है तो आप हलासन का अभ्यास आरंभ कर दें , आपकि समस्या शीघ्र ही समाप्त हो जाएगी।
क्योंकि इससे पेट के भाग कि अच्छे से मालिश होती है जिससे आपकि आँतें ढीली एंव मुलायम हो जाती हैं तथा आपकि आंतों कि सक्रियता बढ़ जाती है।
6.बवासीर में हलासन के फायदे
यदि आपको बवासीर कि समस्या है तो आप हलासन से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि बवासीर का मुख्य कारण अपच और कब्ज है।
और ये आसन इन समस्याओं को सही करता है। इसीलिए ये आपको बवासीर में काफी फायदेमंद होगा।
7.चर्बी घटाने के लिए हलासन
हलासन का अभ्यास नियमित रूप से किया जाये तो ये शरीर कि अतिरक्त चर्बी को कम कर सकता है।
यह आसन पेट कि चर्बी हटाने के लिए बेहद फायदेमंद होता है इसी के साथ यह अतिरिक्त वजन को भी कम करता है।
8.तनाव एंवम सिर दर्द
हलासन का अभ्यास करने से दिमाग़ शांत होता है। और साथ में सिर दर्द की समस्या का भी समाधान करता है।
मानसिक तनाव को भी दूर करने मे हलासन काफी सहायक होता है।
जानिए हलासन करने से पहले सावधानियाँ
- स्लिप डिस्क और सायटिका के रोगियों को हलासन नहीं करना चाहिए।
- सर्वाइकल स्पॉण्डिलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को इसके अभ्यास से बचना चाहिए।
- रीढ़ में किसी प्रकार कि चोट एंवम अकड़न के दौरान इस ना करें।
- ह्रदय संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- यदि किसी प्रकार कि सर्जरी एंवम ऑपरेशन करवाया है तो इसके अभ्यास से बचे।
- महिलाओं को गर्भवस्था एवं मासिक धर्म के समय हलासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
हलासन के बाद किए जाने वाले आसन
- हलासन के ज्यादा फायदे लेने के लिए आपको हलासन के बाद तुरंत भुजंगासन का अभ्यास करना चाहिए। /
- मत्स्यासन ( Fish Pose) करना चाहिए
- उत्तान पादासन (Raised Legs Pose)
- इसके पश्चात शीर्षासन (Headstand) का अभ्यास करना चाहिए।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- हलासन का अभ्यास सुबह और शाम के समय करना चाहिए।
- इस आसन को आप योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
- योगाभ्यास आपको हमेशा साफ एंवम स्वच्छ वातावरण में करना चाहिए।
- हलासन एंवम योगाभ्यास हमेशा खाली पेट ही करें। यदि शाम के समय करते हैं तो योगाभ्यास और खाने कि बीच तीन घंटे का अंतर अवश्य रखें।
- इसके अभ्यास के दौरान आपके शरीर का भार कंधों पर होना चाहिए ना कि गर्दन पर। अन्यथा आपको चोट लग सकती है।
- यदि आप हलासन का अभ्यास किसी रोग के उपचार के लिए कर रहें हैं तो ध्यान रखें कि इसके साथ आपको दिनचर्या का पालन करना होगा