घरेलू नुस्खे क्या है?
आज हम बात करते हैं घरेलू नुस्खों के बारे में (Gharelu Nuskhe in Hindi) अगर किसी को कोई छोटी बड़ी बीमारी है तो वह सबसे पहले इंटरनेट पर search करेगा की घरेलू नुस्खे क्या होते हैं (Home Remedies in Hindi)और कैसे इनका उपयोग किया जाता है।
लोग इनको जानने के लिए इसलिए उत्सुक होते हैं क्योंकि घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe) किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं करते हैं।
इसी के साथ ये आसानी से घर पर मिल जाते हैं तथा आप इनका प्रयोग आसानी से कर सकते हैं।
घरेलू नुस्खों (Gharelu Nuskhe) का प्रयोग केवल रोगों के उपचार में ही नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य की रक्षा हेतु भी कर सकते हैं।
आयुर्वेद के अंदर पैरों से लेकर आपके सिर तक जितनी समस्याएं हैं उन सभी की घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe in Hindi) मौजूद हैं।
हमारे देश में सबसे पहले लोग घरेलू उपचार ( Gharelu Upchar ) को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह बेहद फायदेमंद होने के साथ- साथ बहुत सस्ते भी होते हैं।
कुछ लोग तो allopathy treatment से होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए घरेलू नुस्खों (Home Remedies) का प्रयोग करते हैं।
तो आगे चलते हैं और जानते हैं ज्यादातर घरेलू नुस्खों (Gharelu Nuskhe) में प्रयोग की जाने चीजों के बारे में। और साथ में जानेंगे की उनके गुण क्या हैं और उनका प्रयोग कैसे करते हैं?
सबसे महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे ( Best Home Remedies in Hindi )
आयुर्वेद आयु एवं स्वास्थ्य से जुड़ा विज्ञान है और आयुर्वेद चिकित्सा में उन्ही तत्वों का प्रयोग किया जाता है जो प्रकृति हमे देती है। इसीलिए यह पौधों पर आधारित चिकित्सा विज्ञान है।
इस बात का विशेष ध्यान रखे की आयुर्वेद भी तभी काम करेगा जब आप दिनचर्या एवं ऋतुचर्या में बताए कर्मों का पालन करेंगे है।
तो चलिए जानते हैं की आयुर्वेद में वर्णित घरेलू उपचार के लिए प्रयोग होने वाले तत्व कौन-कौन से हैं जिनके द्वारा आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रोगों का उपचार भी कर सकते हैं।
1.आँवला
औषधीय गुण: रोग-प्रतिरोधक क्षमतावर्धक बढ़ाने में आँवला सबसे उत्तम है क्योंकि इसमे विटामिन-C प्रचुर मात्रा मे पायी जाती है।
सेवन की विधि:
• आप कच्चे आँवले की चटनी बनाकर सेवन करें।
• इसके अलावा आप आँवले का चूर्ण एक-एक चम्मच दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
• 15 से 20 ML तक आंवले का जूस भी पी सकते हैं।
2.तुलसी के द्वारा घरेलू उपचार
औषधीय गुण: तुलसी सर्दी, खाँसी और झुकाम के उपचार के लिए उत्तम औषधि है।
सेवन की विधि: 10-12 तुलसी के पत्ते, 3-4काली मिर्च, थोड़ी अदरख, तथा 4 मुनके इन सभी को चार कप पानी में उबालें, जब एक कप शेष बच जाए तो उसे छानकर दिन में दो बार पियें।
3.नीम की पत्ती (Gharelu Nuskhe in Hindi)
औषधीय गुण: नीम की कच्ची पत्तियों के सेवन से रक्त की शुद्धि होती हैं क्योंकि नीम रक्तशोधक एंव जीवाणुनाशक होता है।
सेवन की विधि: नीम की 5 से 7 कच्ची पत्तियों को प्रातः काल खाली पेट चबा-चबा कर खाएं।
4. हरड़ चूर्ण ( Harad ke Gharelu Upay )
औषधीय गुण: हरड़ त्रिदोष शामक (वात-पीत-कफ), पाचन शक्तिवर्धक ( पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है )
सेवन की विधि: भुनी हरड़, जीरा एवं काला नमक पीसकर चूर्ण बना लें, 2-3 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार गुनगुने जल से सेवन करें।
5. गिलोय काढा ( गिलोय के फायदे )
औषधीय गुण: गिलोय रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। एंव यह ज्वर नाशक भी है।
सेवन की विधि: 1-1 इंच के चार टुकड़ों को चार कप पानी में रात को भिगो दें, सुबह इसे उबाल लें, एक कप शेष रहने पर सुबह-शाम सेवन करें।
6.अजवाइन काढा
औषधीय गुण: अजवाइन में पाचक, सर्दी-जुकाम को सही करने वाले गुण पाए जाते हैं।
सेवन की विधि: 2 चम्मच अजवाइन को 4 कप पानी में उबाले, एक कप शेष रहने पर गुनगुना ही दिन में दो बार प्रयोग करें।
7.मेथी
औषधीय गुण : मेथी के अंदर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं।
सेवन की विधि : मेथी के बीजों को पीसकर गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करें।
8. बेल
औषधीय गुण: बेल का गुण पाचक होता है क्योंकि यह भोजन को जल्दी पचाने में सहायक होता है।
सेवन की विधि: अच्छे से पके हुये बेल के गुदे को निकालकर पानी में घोलकर शरबत के रूप में पीयें।
9. मोटा अनाज ( Gharelu Nuskhe in Hindi )
औषधीय गुण : मोटा अनाज बलवर्धक, पाचनशक्ति वर्धक एवं पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है।
सेवन की विधि : गेहूं,ज्वार, जौ, मक्का एवं चना के आटा का सेवन करें।
10. मठ्ठा या छाछ
औषधीय गुण : मठ्ठा पाचक एंव शक्ति वर्धक होता है।
सेवन की विधि : भोजन के साथ इसका प्रयोग काला नमक एवं भुने जीरे के साथ करें।
11.बथुआ , चौलाई , पालक एवं लोबिया
औषधीय गुण : बल्य एवं रसायन से परिपूर्ण।
सेवन की विधि: बथुआ, चौलाई, पालक एवं लोबिया में से किसी एक को सब्जी के रूप में प्रयोग करें। इसमें हींग का अवश्य प्रयोग करें।
12.हर्बल चाय का घरेलू नुस्खा
औषधीय गुण: व्याधिक्षमत्व वर्द्धक, श्वसन तंत्र के रोगों में लाभकारी
सेवन की विधि: 10-12 ताजे तुलसी के पत्ते, 2 छोटे टुकड़े दालचीनी,5-7 काली मिर्च, आधा चम्मच सोंठ एवं 4-5 मुनक्का को एक लीटर पानी में आधा रहने तक उबालें, इस हर्बल चाय का प्रयोग दिन में दो बार करें।
13.सहिजन के घरेलू प्रयोग
औषधीय गुण: सहिजन बलवर्धक एवं वातनाशक होता है।
सेवन की विधि: इसकी ताजी फलियों को उबालकर सब्जी बनाकर प्रयोग करें।
14.कच्चा आम ( Gharelu Nuskhe in Hindi )
औषधीय गुण: पाचक एवं शरीर के पानी की कमी को दूर करने वाला होता है।
सेवन की विधि: कच्चे आम को पानी में उबालकर, पानी में मसल लें, उसमें पुदीना, काला नमक एवं भूना हुआ जीरा मिलाकर पीयें।
15. पुदीना शिंकजी
औषधीय गुण: पुदीने से भूख बढ़ती है तथा शरीर में पानी की कमी दूर होती है।
सेवन की विधि: एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर एवं उसमें थोड़ा गुड एवं काला नमक व 7-8 पुदीने की पत्तिया मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
16. चावल माँड
औषधीय गुण : यह बलवर्धक होती है।
सेवन की विधि : चावल को पानी में भिगोकर आठ गुना पानी में उबालें, माँड को निथारकर उसमें
भुना जीरा एवं सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें।
17. हल्दी के घरेलू प्रयोग
औषधीय गुण : एण्टी एलर्जिक और एंटी-बायोटिक
सेवन की विधि : हल्दी के चूर्ण को घी में भूनकर आधा चम्मच दिन में दो बार गुनगुने पानी से सेवन करें।
18. Green Tea (हरी चाय)
औषधीय गुण : बल्य एवं ज्वर नाशक
सेवन की विधि : Green Tea की 2-3 पत्तियों को चार कप पानी में उबालें, एक कप शेष रहने पर दो बार सेवन करें।
19. सत्तू
औषधीय गुण : पोषण
सेवन की विधि : चना एवं जौ से बने सत्तू को नमक या गुड़ के साथ सेवन करें।
20. पेठा
औषधीय गुण : शीतल एवं मेध्य
सेवन की विधि : पेठे को उबालकर घी में भूनकर सेवन करें।
नोट: “Gharelu Nuskhe in Hindi” लेख में आपको घरेलू नुस्खे क्या होते हैं और घरेलू उपचार लिए 20 अलग – अलग नुस्खों की संक्षिप्त जानकारी दी गई है ।
वैसे तो सामान्यत इन नुस्खों का कोई भी side effect नहीं होता है। यदि अगर इनके प्रयोग से किसी को भी side effect होता है तो उसमें हमारी वेबसाईट HindiMedicines.com जिम्मेवार नहीं होगी।क्योंकि यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने हेतू है।