Coronil Patanjali Medicine in Hindi
आयुर्वेदिक चिकित्सा सम्पूर्ण दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है। और भारत ही इस चिकित्सा पद्धति का जन्मदाता है। हमारे देश में काफी वर्षों से आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग मनुष्य की प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। और इसी के साथ ये रोगों के उपचार एंव रोकथाम में भी काफी प्रयोग की जाती हैं। और आज हम आयुर्वेद के द्वारा कोरोनावायरस COVID-19 के इलाज के बारे में बताते हैं। तो चलिए जानते हैं की “Coronil Patanjali Medicine in Hindi” क्या है ?
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने कोरोनावायरस COVID-19 के उपचार के लिए एक दवाई विकसित की है।
पतंजलि का दावा है की उनके द्वारा निर्मित ‘कोरोनिल’ नामक दवा ने कोरोनावायरस COVID-19 के उपचार के नैदानिक परीक्षणों का प्रथम चरण पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा है की पहले तो उन यौगिकों की पहचान की गई जो कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं और शरीर में इसके फैलने की गति को रोक सकते हो।
उसके पश्चात हमने सैकड़ों COVID-19 Positive रोगियों पर इन दवायों का प्रयोग किया फिर उन मामलों का अध्ययन किया गया और हमें 100% सकारात्मक परिणाम मिले हैं।
उनका कहना है की हम Immune System बढ़ाने की बात नहीं कर रहे हैं। हम COVID-19 का पूर्ण रूप से इलाज के बारे में बात कर रहें हैं।
ANI की रिपोर्ट के अनुसार यह बातें “पतंजलि के CEO आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार में कही थी।
कोरोनिल क्या है और कैसे काम करती है?
बाबा रामदेव ने दावा किया कि पतंजलि द्वारा निर्मित “कोरोनिल” दवा के सेवन से COVID-19 Positive रोगियों में 100% सुधार देखे गए हैं।
और योग गुरु का कहना है की अश्वगंधा, गिलोय, और तुलसी जैसे आयुर्वेदिक तत्वों के विशेष आनुपातिक मिश्रण से “कोरोनिल” दवा का निर्माण हुआ है।
तो चलिए जानते हैं की “कोरोनिल” में शामिल तत्व किस प्रकार हमारे लिए फायदेमंद हैं।
- अश्वगंधा– अश्वगंधा का सेवन COVID-19 वायरस मनुष्य कि कोशिकाओं में प्रवेश होने से बचाता है। यह मनुष्य की कोशिकाओं के बाहर सुरक्षात्मक आवरण तैयार करता है।
- गिलोय- गिलोय का उपयोग बुखार, खांसी, जुकाम एंव फेफड़ों में सूजन आदि को सही करता है।
- तुलसी – तुलसी का उपयोग शरीर मे मौजूद वायरस को बढ़ने से रोकता है। और कोरोनावायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद बड़ी तेजी से फैलता है। इसीलिए तुलसी का उपयोग COVID-19 में काफी लाभकारी साबित हुआ है।
अगर कुछ दिनों तक नियमित रूप से सुबह-शाम “कोरोनिल” की खुराक लि जाए तो कोरोनोवायरस के Positive रोगियों का इलाज संभव है।
कोरोनिल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जा आपको जाननी जरूरी हैं-
- बाबा रामदेव के अनुसार कोरोनावायरस (COVID-19) से संक्रमित रोगियों को कोरोनिल दिया गया था। उन रोगियों में 100% लाभ दिखाई दिए हैं। या कह सकते हैं की इसके सेवन के बाद सभी रोगी नकारात्मक निकले।
- योग गुरु रामदेव के अनुसार, “कोरोनिल” अश्वगंधा, तुलसी और गिलोय के विशेष अनुपात के मिश्रण से बनाई गई है। और इसका नियमित रूप से सुबह-शाम दो बार प्रयोग करना है।
- पतंजलि आयुर्वेद के CEO आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, “कोरोनिल” 5 से 14 दिनों के अंदर कोरोनावायरस (COVID-19) से संक्रमित रोगियों का इलाज करने में पूर्ण रूप से सक्षम है।
- आचार्य जी ने सभी लोगों को आसन एंव प्राणायाम का अभ्यास नियमित रूप से करने की सलाह दी है। और इसी के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले उचित आहार का सेवन करते हुए दिनचर्या का पालन करने के लिए कहा है।
- आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद बहुत जल्द ही “कोरोनिल” दवा के क्लीनिकल ट्रायल परिणाम सार्वजनिक रुप से साझा करेगी और साथ ही जिनको इस दवा का सेवन करवाया गया है उनके नकारात्मक परीक्षण भी दिखाए जाएंगें।
वर्तमान समय में दुनिया की क्या स्तिथि है?
- सम्पूर्ण विश्व में COVID-19 के 92 लाख से अधिक मामले हो चुके हैं। जिनमें से 4.75 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
- दुनिया में पाँच सबसे ज्यादा संक्रमित देशों में भारत भी है। तो आइए जानते हैं इनकी क्या स्तिथि है।
- अमेरिका में 23.88 लाख मामले आ चुके हैं और 1.22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
- दूसरा स्थान आता है ब्राजील का, ब्राजील में 11.11 लाख मामले हैं और 51 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
- रूस में अभी तक 6 लाख मामले या चुके हैं तथा 8400 के लगभग लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
- इनके बाद चौथा स्थान आता है भारत का, भारत में 4.41 लाख मामले सामने या चुके हैं जिनमे से 14 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
- UK में फिलहाल 3 लाख से ज्यादा मामले हैं जिनमे से 42 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
इतने बड़े खतरे को खत्म करने के लिए एक वैक्सीन और इसके इलाज की जरूरत फिलहाल से ज्यादा कभी नहीं रही होगी। इसलिए पतंजलि का ये प्रयास अगर सफल होता है तो सम्पूर्ण मानव जाती के लिए ये संजीवनी बूटी का काम करेगी।