जुलाई-अगस्त की चिपचिपी गर्मियों में पाचन से जुड़ी समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ता है। इस समय शरीर को ठंडक, पोषण और स्वाद देने वाले खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है। हमारे परंपरागत खान-पान में ऐसी कई चीजें हैं, जिनका गर्मियों से लड़ने में कोई जवाब नहीं।
हरा धनिया/पुदीना
धनिया और पुदीना आपके पाचन में सहायता करता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इससे डायरिया और एसिडिटी में काफी राहत मिलती है।
शरीर की सफाई होती है, जिससे त्वचा के संक्रमण की आशंका कम हो जाती है। विटामिन सी की प्रचुरता इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखती है।
हरे धनिये-पुदीने की चटनी
धनिये-पुदीने का रस और जलजीरे के अलावा इसकी बनी चटनी पाचन के लिए अच्छी होती है। चटनी बनाने के लिए धनिये-पुदीने के साथ अदरक, हरी मिर्च, नींबू का रस/कच्चा आम, जीरा, व नमक मिलाएं। दो दिन तक फ्रिज में सुरक्षित रख सकते हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा आपके शरीर के ताप को कम करने के साथ-साथ आपके पेट के लिए भी काफी लाभकारी है। यदि आप नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं तो आपको कब्ज, अपच और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या नहीं होगी। त्वचा की समस्याओं में भी यह काफी लाभकारी है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड, विटामिन व मिनरल इसे प्राकृतिक क्लींजर बनाते हैं।
एलोवेरा जूस – एलोवेरा की ऊपरी त्वचा उतारकर उसकी जैली टुकड़ों में काटकर मिक्सी में पीस लें। कुछ दिन स्टोर करना है तो नींबू का रस मिला कर पीस लें। एक दिन में 3-5 चम्मच से अधिक जूस न पिएं। स्वाद के लिए इसमें सेब, अनन्नास, संतरे या गाजर का जूस मिला कर पी सकते हैं।
सत्तू
सत्तू कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है। यह एक संपूर्ण और सुपाच्य आहार है, जो मस्तिष्क को तरोताजा रखता है। पेट की गर्मी को कम करके शरीर का स्टेमिना बढ़ाता है। जौ व चने का सत्तू स्वाद के अनुसार ले सकते हैं।
नमकीन / मीठा सत्तू
चने व जौ के सत्तू में पानी, भुना जीरा, काला नमक और नींबू का रस मिलाकर पिएं। नमकीन सत्तू बनाने के लिए इसमें प्याज और हरी मिर्च, नींबू, भुना जीरा, नमक आदि मिलाकर पानी के साथ गाढ़ा घोल बना लें।
मीठा पसंद करने वाले सत्तू व पानी में गुड़ अथवा देशी शक्कर तथा पिसी इलायची पाउडर मिलाकर ठण्डा करके पी सकते हैं।
कच्चा आम
कच्चे आम में पके आम की तुलना में विटामिन सी अधिक होता है। यह विटामिन बी और मिनरल का अच्छा स्रोत है।
कच्चे आम का पना
कच्चे आम को कुकर या पैन में एक कप पानी डालकर ढक कर उबाल लें। ठण्डा होने पर आम का गूदा पानी में मसल लें। अब धनिया, पोदीना की पत्तियां साफ करके मिक्सी में पीस लें। इस रस को आम के गूदे में मिलाकर आवश्यकतानुसार पानी मिला लें।
थोड़ा गुड़ या शक्कर, नमक, भुना जीरा आदि डालकर मिला दें। खट्टा, मीठा गुणकारी पाचक रसों से भरपूर पना तैयार है। ठण्डा करके पियें।
तरबूज
तरबूज का रस गर्मियों में बहुत लाभकारी है, मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करता है। ग्रीष्म ऋतु का उपहार तरबूज का रस मूत्रल, प्यास को शांत करने वाला, किडनी रोगों एवं पथरी में उपयोगी है। यह कब्ज को दूर कर पुष्टि प्रदान करता है।
इमली
इमली को पेट के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इसमें विटामिन सी, मिनरल और फाइबर की प्रचुरता होती है। और इसमें मौजूद टारटरिक एसिड आपको फ्री रैडिकल्स से बचाता है।
इमली का शरबत
इमली को पानी में उबालकर उसे छान लें। इस पानी में गुड़/ चीनी, भुना जीरा, नमक डालकर मिक्सी में पीस लें। अब इस पानी में ऊपर से ठंडा पानी और बर्फ के टुकड़े मिलाएं।
बेल
फाइबर और पोषण से भरपूर अमृत फल है – बेल। इसका गूदा पीला और बीज चिपचिपे होते हैं। पके बेल का गूदा मीठा होता है। यह पेट के लिए फायदेमंद है। इसमें विटामिन सी और कार्बोज होते हैं। बलवर्धक होने के साथ यह ठंडक देता है।
बेल शरबत
बेल को धोकर उसका गूदा निकालें। एक बर्तन में गूदे से दो गुना पानी लेकर उसे मसल लें। इसे छलनी से छानें। इसमें चीनी/गुड़/शहद तथा बर्फ डालकर पिएं। चाहें तो बेल के गूदे में दूध और चीनी मिलाकर मिक्सी में शेक भी बना सकते हैं।
यह शरबत कब्ज में लाभदायक तथा शीतलता प्रदान करता है। डायरिया होने पर बेल का गूदा खाने से चमत्कारिक लाभ होता है। ताजा गूदा उपलब्ध न होने पर बेल का मुरब्बा भी खा सकते हैं।
गन्ने का रस
गन्ने के अंदर मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। और यह आपके शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है तथा आपके पेट को संक्रमित होने से बचाता है।
गन्ने का रस आपकी त्वचा में नमी और लचीलापन कायम रखता है। इसके अलावा अगर आपको मुहांसे की समस्या हो तो उसे भी कम करता है। गन्ने का रस पीते समय सफाई पर ध्यान अवश्य दें।