Pawaपवनमुक्तासन क्या होता है? ( What is Pawanmuktasana in Hindi )
पवनमुक्तासन दो शब्दों के मेल से बना है जिसमे पहला है पवन जिसका अर्थ है वायु तथा मुक्त का मतलब है छोड़ना या निकालना।
इस प्रकार आप आसानी से जान सकते हैं की इस आसन का उपयोग वायु विकारों में अत्यधिक लाभकारी होता है।
यदि किसी के शरीर में अधिक गैस हो तो उस गैस को बाहर निकालने में भी यह काफी उपयोगी होता है। इसीलिए इसे Gas Releasing Pose भी कहते है
यदि इस आसन को एक पैर से किया जाता है तो इसे एकपाद पवनमुक्तासन कहा जाता है।
और अंग्रेजी में इसे हवा बाहर निकालने वाला आसन (Wind Releasing Pose) भी कहते हैं।
पवनमुक्तासन करने से पहले यह आसन करें
बालासन
मार्जरी आसन
पवनमुक्तासन करने का तरीका
• पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को फैला लें।
• अब बाएं पैर को उठाएं और घुटने से मोड़ें।
• अब अपनी बाहों को बांधकर घुटने को पकड़ लें।
• इसके पश्चात श्वास छोड़े और रोक लें।
• फिर धीरे-धीरे घुटने को दबाएं और छाती तक लेकर आयें।
• इसके बाद साँसों को छोड़ते हुए सिर ऊपर उठाएं और घुटने को छाती के पास लेकर आयें ताकि आपकी नाक घुटने से छूने लगे।
• जितनी देर तक हो सके सांस को रोके रखें और इसी स्थिति में बने रहें।
फिर सांस छोड़ते हुए अपने सिर तथा पैरों को प्रारम्भिक स्तिथि मे ले आएं।
• इसी प्रक्रिया को दायें पैर के साथ भी दोहराएं। यह अभ्यास एकपाद पवनमुक्तान के नाम से जाना जाता है।
• इसके पश्चात अपने दोनों पैर उठाएं तथा घुटनों को मोड़ें और दोनों घुटनों को अपनी बांहों से घेर लें। घुटनों को दबाते हुए छाती की ओर लेकर लाएं।
• फिर अपने सिर को उठाएं तथा घुटनों को छाती के पास ले आयें ताकि आपकी ठोड़ी घुटनों को छू सके। यह अभ्यास पवनमुक्तासन कहलाता है।
• यह प्रक्रिया आप 2 से 4 बार तक दोहरा सकते हैं।
पवनमुक्तासन के फायदे ( Benefits of Pawan Muktasan in Hindi )
पाचन तंत्र में पवनमुक्तासन के फायदे
इसके अभ्यास से आपके पाचन तंत्र के सभी अंगों की अच्छे से मालिश होती है जिसके फलस्वरूप ये सभी अंग अपना कार्य सुचारु रूप से करेंगें।
इसीलिए इसके कारण आपके पाचन तंत्र से संबंधित विकार अपने आप ही कम हो जाएंगें।
पेट की जहरीली गैसों के निष्कासन में उपयोगी
इस आसन का सबसे ज्यादा फायदा आपके शरीर में मौजूद जहरीली गैसों को बाहर निकलना ही होता है। क्योंकि इसके अभ्यास से वायु विकारों का नाश होता है।
इसी कारण यह शरीर में अतिरिक्त एंव हानिकारक गैसों का निष्कासन करता है।
रीढ़ की हड्डी के लिए पवनमुक्तासन के फायदे
यह सामान्य सा दिखने वाला आसन आपके शरीर मे सबसे महत्वपूर्ण अंग रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ एंव लचीला बनाये रखने में बहुत लाभदायक है।
क्योंकि इसका नियमित अभ्यास आपकी रीढ़ की अकड़न को खत्म करता है।
स्लिप डिस्क और साइटिका
पवनमुक्तासन का अभ्यास अगर योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में किया जाए तो यह आपकी स्लिप डिस्क और साइटिका के उपचार में बेहद उपयोगी साबित होगा।
पेट की अतिरिक्त चर्बी
यदि आप इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं तो यह आपकी पेट व पेट के आसपास के क्षेत्र में जमा अतिरिक्त चर्बी को बहुत जल्दी कम करता है।
फेफड़ों के लिए पवनमुक्तासन
इस आसान के अभ्यास के दौरान आपके फेफड़ों में भी अच्छा खासा दबाव पड़ता है। जिसके फलस्वरूप आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता में काफी वृद्धि होती है।
ह्रदय संबंधी विकारों में पवनमुक्तासन
पवन मुक्तासन का अभ्यास अगर योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में नियमित रूप से किया जाए तो इससे आपके ह्रदय संबंधित समस्याओं में काफी लाभ हो सकता है।
कब्ज
अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आप रोजाना पवन मुक्तासन का अभ्यास करना आरंभ कर दें इससे आपकी कब्ज की समस्या सही हो जाएगी।
क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है और आपकी आंतों की अच्छे से मालिश होती हैं।
जिससे आपकी आँतें सुचारु रूप से अपना कार्य करना आरंभ कर देंगी।
जिसके फलस्वरूप आपको मल त्यागने में काफी आसानी होगी। और आप कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं वो भी हमेशा के लिए।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पवनमुक्तासन
इस आसन के नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति का विकास होता है | यदि आप अपनी बौद्धिक कार्यक्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो इसका अभ्यास प्रतिदिन करें।
क्योंकि इससे आपकी मानसिक जटिलताये काफी हद तक कम हो सकती हैं।
पवन मुक्तासन के लिए सावधानीयाँ (Precautions for Pawanmuktasana in Hindi )
इस बात का ध्यान रखें की खाना खाने के तुरंत बाद यह आसन कभी ना करें।
अगर आप उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं तो पवनमुक्तासन का अभ्यास ना करें।
अगर कोई महिला गर्भवती है तो उसे पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
यदि आपको छाती में या गर्दन में ज्यादा दर्द है तो आपको ये आसान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।